Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj

By dailyindia365.com Feb 19, 2024
Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj

Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj:-

संत शिरोमणि महाराज ने ली चंद्रगिरी पर्वत पर अंतिम सांस, मूल रूप से कर्नाटक के थे Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj,

Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj

आज 17 फरवरी की रात को Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj जी ने छत्तीसगढ़ के राज्य के डोंगरगढ़ जिले में स्थित चंद्रगिरी पर्वत श्रृंखला पर सल्लेखना पूर्वक देह को त्याग दिया। Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj जी के देह त्याग करने से पूरे देश में शोक छा गया है, रात्रि में करीब 2:30 मिनट पर महाराज जी ने अंतिम सांस ली और समाधि में लीन हो गए। Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj जी मूल रूप से कर्नाटक राज्य के रहने वाले थे,  18 फरवरी को दोपहर में करीब 1 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा,

क्या होती है ‘सल्लेखना’ क्रियाविधि

Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj जी कई महीनो से चंद्रगिरी पर्वत में रुके हुए थे, और उसी तीर्थ स्थल पर दीक्षा देते थे, पर कुछ समय से उनकी हालत गंभीर बताई जा रही थी और धीरे धीरे महाराज जी ने अन्न जल का भी त्याग कर दिया था, बताया जाता है की जो व्यक्ति अन्न जल का त्याग कर देते हैं और इसी क्रिया सल्लेखना क्रियाविधि कहलाती है, महाराज जी ने इस सल्लेखना के माध्यम से देह का त्याग किया।

Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj

कई राज्य सरकारों ने शोक संवेदना व्यक्त किया

Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj जी के देहावसान के बाद कई राज्य सरकारों ने शोक संवेदना व्यक्त किया है, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने महाराज जी के निधन पर शोक जताया और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री dr मोहन यादव ने भी महाराज जी के निधन पर दुःख प्रकट किया और पूरे मध्य प्रदेश में 1 दिन का राजकीय शोक रखा गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी महाराज जी के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनकी पुण्य आत्मां के शांति की कामना की महाराज जी के अंतिम संस्कार में कई बड़ी हस्तियां भी शामिल होंगी

Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महाराज जी को अपना आदर्श मानते थे,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj का आशीर्वाद प्राप्त किया है, महाराज जी हमेशा गरीब कल्याण के लिए काम किया करते थे, महाराज जी के इन्ही सब कामों को देखकर नरेंद्र मोदी हमेशा उनसे गरीब कल्याण के लिए काम करने की प्रेरणा लेते थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट लिखा की आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का ब्रम्हलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है, उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जायेंगे,
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनावी यात्रा के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रगिरी जैन मंदिर में Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj जी का आशीर्वाद प्राप्त किया था। और साथ ही उन्होंने कहा है की आध्यात्मिक जागृति के उनके प्रयासों, गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य कार्यों के लिए उन्हें याद रखा जाएगा.पीएम पीएम ने कहा कि मुझे वर्षों तक उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ. मैं पिछले साल के अंत में छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में चंद्रगिरि जैन मंदिर की अपनी यात्रा को कभी नहीं भूल सकता. उस समय मैंने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के साथ समय बिताया था और उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया था. वहीं, बीजेपी के बैठक में जेपी नड्डा ने भी शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी ।

 Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj जी के समाधि लेने के पहले ही महाराज जी ने अपने उत्तराधिकारी की घोषणा भी कर दी थी, महाराज जी की जगह पर उनके छोटे भाई मुनि श्री समय सागर जी को उत्तराधिकारी बनाया जायेगा, बताया जाता है की आचार्य जी के माता-पिता भी उन्ही से दीक्षा प्राप्त किए थे।

 Aacharya Shri Vidyasagar Maharaj जी का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक राज्य के बेलगाम जिले में हुआ था , महाराज जी के पिता का नाम मल्लपा और माता जी का नाम श्रीमती था, महाराज जी कुल 5 भाई बहन थे और अभी तक महाराज जी ने कई लोगों को दीक्षा दे चुके हैं।

 

 

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